अमिताभ बच्चन के हिन्दी प्रेम के क्या कहने? उनका ब्लॉग देखा तो पाया कि वे प्रशंसकों से हिन्दी में मुखातिब होना चाहते हैं। लेकिन तकनीकी रूप से कंप्यूटर पर हिन्दी लिखना नहीं जानने के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए उन्होंने डायरी के एक पन्ने पर हिन्दी प्रेमियों के नाम संदेश लिखकर उसे पोस्ट के साथ चस्पा किया है। उम्मीद करते हैं कि जल्द ही यह ब्लॉग हिन्दी में पढ़ने को मिले। वैसे अमितजी कई बार पिता स्व. हरिवंशराय बच्चन की हिन्दी में लिखी कविताएं पोस्ट के साथ दिखाते आए हैं। अमितजी, शुक्रिया.. कंप्यूटर पर हिन्दी भाषा का मान बढ़ाने के लिए।
Saturday, 5 July 2008
शुक्रिया अमितजी, शुक्रिया!
Posted by Ashish Khandelwal at 5:45 pm
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 Comments:
Post a Comment