(नीचे लिखीं लाइनें पढ़ने से पहले
फिल्म ओम शांति ओम के गीत
दर्द-ए-डिस्को की धुन को कंठस्थ करना जरूरी है)
जिंदगी अब है मुश्किल भरी,
हुई चीजें हैं महंगी बड़ी,
आटें की कीमतें भी बढ़ीं हैं
हैं दालें भी ऊंची चढ़ीं
हर घर हारा, इसका मारा, बोले सब
है कोई जो रोके इसको
दिल में नहीं है दर्द किसको
दर्द किसको, दर्द किसको
-संजय गोस्वामी
Friday 9 May, 2008
दिल में नहीं है दर्द किसको?
Posted by Ashish Khandelwal at 6:09 pm
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